कैसे आप सफलता पा सकते है!

नमस्कार, दोस्तो मै आपका दोस्त मनीष लेकर आया हूं एक और मोटिवेशनल स्टोरी जो आपको प्रेरित करेगी। हमने पिछले स्टोरी में देखा कि असंभव कार्य कैसे सफल किया जाता है। आप हर काम संभव कर सकते है लेकिन आपको पहले  उस काम के प्रति जागृत होना होगा। तो आप भी असंभव कार्य संभव व सफल बना सकते है।
           आज हम सफल लोगों कि आदत देखेंगे कि सफल लोग कैसे समय के पाबंद होते है। दोस्तो हम भी सफल बन सकते है और आप जो पाना चाहते है वो आप हासिल कर सकते है। लेकिन ये सिर्फ कहने से नहीं होगा।आप को उसको हासिल करने के लिए खुदको उसके लिए झोंकना होगा तभी आप सफल बन पाओगे अन्यथा आपके हाथ असफलता ही मिलेगी।
स्वामी विवेकानंद जी कहते है...
"You cannot believe in God until you believe in yourself.”
मतलब "जबतक आप खुद पर विश्वास नहीं करते आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते"।
#सफल लोग समय के पाबंद होते है।
   अगर हम देखे कि सफल लोग समय का सही इस्तेमाल करते है वो अपना हर पल बड़ी समझदारी से उपयोग करते है सुबह जल्दी उठते है।
#सफल लोग खुद को हमेशा बेहतर समजते है।
         सफल लोग हमेशा अपने आप को एक मजबूत और बेहतर समजते हैं।वो उस काम को भी करने का साहस रखते है जो उनके लायक नहीं होता है।
        किसी काम में असफल होने के बावजूद भी वो खुद को एक कमजोर नहीं समजते, वो समजते हैं की अगली बार बेहतर कर सकता हूं क्यूंकि मै एक बेहतर इंसान हूं।
#सफल लोग काम पूरा करने के लिए अच्छे समय का इंतजार नहीं करते।
          अगर हम देखे कि सफल लोग बुरे समय में भी अपना काम कर सकते है, वो किसी काम को पूरा करने के लिए अच्छे समय का इंतजार नहीं करते। वो उस समय का पूरी तरह उपयोग करते है जो फिलहाल है।
#अपने ऊपर विश्वास रखे (be confident)
            जीवन में अगर आप कुछ भी करना चाहते है तो उसकी चाबी है अपने ऊपर विश्वास रखना। अपने ऊपर विश्वास रखना पहला कदम है।अपने व्यक्तित्व विकास के लिए  अपनी काबिलियत पर कभी भी शक ना कीजिए और हमेशा अपने से स्वय कहे, मै कर सकता हूं, ये मेरे लिए है। अच्छी सफलता से जुड़ी प्रेरक और प्रेरणादायक कहानियां पढ़े इससे जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है। साथ ही इससे आत्मसम्मान बढ़ता है और व्यक्तित्व में भी निखार आता है।
        मै सही फैसला लेने में विश्वास नहीं रखता, मै लिए हुए फैसले को सही बना देता हूं।
#अपना दिमाग खुला रखे(Keep an open mind)
        अपने अंदर अच्छा व्यक्तित्व विकास लाने का एक और सबसे बड़ा कार्य है अपने विश्वदृष्टि में बदलाव लाना। दूसरों की बात को ध्यान से सुने और अपने दिमाग के बल पर अपना सुझाव या उत्तर दे। अपने फैसलों को खुद के दम पर पूरा करे क्योंकि दूसरों के फैसलों पर चलना या कदम उठाना असफलता का एक मुख्य कारण है।
 "हमेशा खुले दिमाग से सोचे और अपने हृदय में दया की भावना रखे।-Phil Jackson
     दोस्तो आज हम एक ऐसे शक्स की कहानी पढ़ेंगे जो आपको जीने के लिए और जिंदगी के प्रति बहुत प्रेरित करेगी। तो आज हम उस महान इंसान के बारे में जानेंगे कि हाथ,पैर न होते हुए भी पूरी दुनिया में विख्यात है। तो आइए जानते है निक  वूजिकिक जी के बारे में...
           "जब कभी हमारी जिंदगी में समस्याएं या मुश्किलें आती है, तो हम में से ज्यादातर लोग सोचते है की ऎसा मेरे साथ ही क्यों हों रहा है? यही सोच धीरे धीरे हमारे अंदर घोर निराशा पैदा करके हमारी जिंदगी को एक बोझ बना सकती है। ऐसे में जरूरत है कि हम खुद पर भरोसा रखे और अपनी पूरी ताकत के साथ उनका मुकाबला करे और ऐसा तब तक करते रहे जब तक हम उन पर विजय हासिल ना कर ले। आप सोचेंगे कि यह असंभव है लेकिन विश्वास मानिए "जिंदगी में कुछ भी असंभव नहीं है"।अगर विश्वास न हो तो यह प्रेरक कहानी पढ़िए...जिससे आपको नई सीख और हौसला बढ़ेगा।
#निक वूजिकिक की जीवनी।
            निक का जन्म 4 दिसम्बर 1982 ऑस्ट्रेलिया में हुआ। निक अन्य बच्चो कि तरह स्वस्थ थे, लेकिन उनमें एक कमी थी वे Phocomelia नाम के एक दुर्लभ विकार के साथ पैदा हुए थे, जिसके कारण उनके दोनों हाथ और पैर नहीं थे।
           निक के माता पिता को चिंता सताने लगी कि एक बिना हाथ पैर वाले बच्चे का भविष्य कैसा होगा? निक हमेशा सोचते थे और ईश्वर से हमेशा प्रार्थना करते थे कि काश उनको हाथ पाव मिल जाए। 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन उनकी मां द्वारा दिए गए एक लेख को पढ़कर उनका जीवन के प्रति नजरिया पूरी तरह से बदल गया।
           निक ने धीरे धीरे पैर कि जगह पर निकली हुई अंगुलियों और कुछ उपकरणों की मदद से लिखना और कंप्यूटर पर टाइप करना सीख लिया। 17 वर्ष की उम्र में अपने प्रार्थना समूह में व्याख्यान देना शुरू कर दिया। 21 वर्ष में निक ने अकाउंटिंग और फाइनेंस में ग्रेजुएशन कर लिया और एक प्रेरक वक्ता के रूप में अपना करियर शुरू किया। जन्म से हाथ पैर न होने के बावजूद भी वो गोल्फ व फुटबॉल खेलते है, तैरते है,स्काईडेविंग और सर्फिंग भी करते है।
        मुश्किलें ही वो सीढ़ियां है जिन पर चढ़कर ही हमें जिंदगी में कामयाबी और खुशी मिलेगी। तो आपको इस कहानी से आपको कुछ नई सीख जरूर मिली होगी।
     "अनुभव की भट्टी में तपकर जो जलते है।
      दुनिया के बाजार में बस वही सिक्के चलते है"।

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